Sunday, August 2, 2015

मंजिलें चाहें कितनी भी ऊंची या कठिन हो

मंजिलें चाहें कितनी भी
ऊंची या कठिन हो. . .

रास्ते हमेशा पैरों के नीचे
ही होते हैं!

गुरु पूर्णिमा की शुभकामनायें।:)

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